परिष्कार कॉलेज को ‘परिष्कार परिवार` क्यों कहा जाता है?

अंतरराष्ट्रीय शोध से और हमारी पुरानी गुरुकुल पद्धति से जाना कि विद्यार्थी के विकास में प्रेम, सहयोग, त्याग, सामाजिकता, राष्ट्रीयता आदि भावों का विकास जरूरी है। परिष्कार में 12वीं के बाद बहुत-से विद्यार्थी अपने माँ-बाप को गाँव में छोड़कर जयपुर परिष्कार कॉलेज में आते हैं इसलिए उन युवक-युवतियों को सहज स्नेहमय पारिवारिक वातावरण दिया जाना ज़रूरी है। परिष्कार में शिक्षकों और विद्यार्थियों के बीच अच्छे स्तर की बॉडिंग विकसित की जाती है। अपना घर छोड़कर आए हुए लड़के-लड़कियों का कॉलेज में, कक्षाओं में, घर पर, हॉस्टल में मन रमे; वे संतुलित रहें और अपना सर्वश्रेष्ठ विकसित करें; Competition की लड़ार्इ को जीतें, इसके लिए अनेक गतिविधियाँ कराई जाती हैं।

Add a Comment

Your email address will not be published.