परिष्कार के Autonomous कॉलेज में Admission लेने से विद्‌यार्थी को क्या लाभ होगा?

स्पष्ट तौर पर विद्‌यार्थी को अन्य यूनिवर्सिटी एवं सामान्य कॉलेज में पढ़ने के बजाय परिष्कार ऑटोनोमस कॉलेज में पढ़ने से निम्नलिखित लाभ हैं—

  1. नए Course— परिष्कार ‘ऑटोनोमस’ कॉलेज ने विद्‌यार्थियों के सरकारी नौकरी में जाने, प्राइवेट कंपनियों में जॉब करने तथा अपने स्तर पर स्टार्ट-अप चला सकने को लेकर, अन्य संस्थाओं से भिन्न, ये नए Course बना लिए हैं—

(i) BA, BSc के पाठ्‌यक्रम में IAS, RAS एवं अन्य Competitions का syllabus शामिल कर लिया है इसलिए अब डिग्री और Competition दोनों की तैयारी, तीन वर्ष तक, साथ-साथ चलती रहेगी, जबकि अन्य कॉलेज में डिग्री का पाठ्‌यक्रम अलग पढ़ना पड़ेगा तथा Competition के लिए कोचिंग कहीं अलग से करनी पड़ेगी, या कॉलेज में अनुपस्थित रहना पड़ेगा जो विद्‌यार्थी के विकास की दृष्टि से बहुत असुविधाजनक है।

(ii) BSc के पारंपरिक विषय— PCM या Botany-Zoology के अलावा, Global and National Industry की माँग के अनुसार— BSc-Semiconductor, BSc-Green Hydrogen, BSc-Nanotechnology, BSc-Applied Microbiology, BSc-Herbal Science, BSc-Data Science में graduation कर सकते हैं। ये पूरे विश्व में वर्तमान और भविष्य की Technology के सदाबहार पाठ्‌यक्रम हैं। ये Course अन्य संस्थाओं में अपवादस्वरूप ही मिलेंगे। परिष्कार कॉलेज ने इन courses में पहल कर ली है। सवाल यह है कि जब भविष्य के नए पाठ्‌यक्रम उपलब्ध हैं तो उन पुराने पाठ्‌यक्रमों को लेकर विद्‌यार्थी पिछड़े क्यों रहें।

(iii) BCA के पाठ्‌यक्रमों को भी specialization से जोड़ दिया है। अब BCA-Data Science, BCA-Machine Learning (Artificial Intelligence), BCA-Software Development, BCA-Web Development, BCA-Cyber Security, BCA-Cloud Computing, BCA-Multimedia & Animation, BCA-Digital Marketing आदि में BCA की डिग्री लेकर उच्च स्तर के जॉब ले सकते हैं। BCA के ऐसे Course अन्यत्र कम जगह मिलेंगे, सामान्य कॉलेजों में नहीं मिलेंगे। किसी इंजीनियरिंग कॉलेज में मिल भी गए तो वहाँ इनकी फ़ीस बहुत ज़्यादा है, और परिष्कार कॉलेज की क्वालिटी तो टॉप की है ही। हर वर्ष देशी-विदेशी कंपनियों को कॉलेज में आमंत्रित करके ‘कैंपस प्लेसमेंट’ करवाया जाता है।

(iv) BBA और BCom के कोर्स भी International level के हैं, Accounting & Taxation, Finance, Management, Marketing, Production & Operations Management, Logistics & Supply Chain Management, Banking & Insurance आदि में से किसी एक Course को लेकर आप अच्छी कंपनी में लाखों रुपयों का पैकेजवाला जॉब ले सकते हैं।

  1. Autonomous कॉलेज में पढ़ाने के तरीके (Pedagogy)

परिष्कार कॉलेज के autonomous होने के कारण अब लेक्चर देने के ऊबाऊ तरीके से हटकर— PPT, Group Discussion, Quiz, Student Presentation, Clubs, Role plays आदि के द्‌वारा रोचक ढंग से पढ़ाया जाता है। परिष्कार कॉलेज में रटने के बजाय समझने (Understanding), समस्या समाधान करने (Problem Solving), विश्लेषणात्‍मक विचारशीलता विकसित करने (Critical Thinking), नवाचार एवं सर्जनात्‍मक (Innovation and Creativity) को प्रोत्‍साहित किया जाता है। यहाँ हर विद्‌यार्थी को उसकी अपनी रुचि (interest), क्षमता (ability) एवं गति (pace) के अनुसार पढ़ाया जाता है ताकि वह पढ़ने को लेकर दबाव में हर्गिज़ न आए, और वह, सिलेबस से हटकर भी अपने भीतर छिपे श्रेष्ठ गुणों का विकास कर सके।

  1. नई तरह की परीक्षापद्‌धति (Assessment System)

परिष्कार के autonomous कॉलेज होने के कारण परीक्षा लेने के तरीकों को भय, तनाव, चान्स आदि से मुक्त कर दिया गया है। अब हर सप्ताह, हर महीने, छोटे-छोटे टैस्ट होते रहते हैं, विद्‌यार्थी अपने टीचर के सामने, यहाँ तक कि दुबारा परीक्षा देकर भी, अपने को सुधार (Improve) करता रहता है। परिष्कार कॉलेज की परीक्षाओं में प्रेक्टिकल कार्य का बहुत महत्त्व है, जॉब में भी यही प्रेक्टिकल मदद करता है। विद्‌यार्थी अपनी विशेष प्रकार की योग्यता के आधार पर भी एक्स्ट्रा नंबर ले सकता है।

परिष्कार कॉलेज में परीक्षा निश्चित समय पर होती है, रिजल्ट भी निश्चित समय पर, तुरंत जारी होते रहते हैं। परिष्कार कॉलेज के विद्‌यार्थी, खुले मन से, मजे-मजे में, परीक्षा देते रहते हैं। परिष्कार में विद्‌यार्थी को पढ़ानेवाले टीचर के अलावा बाहर के परीक्षकों द्‌वारा भी लिखित एवं मौखिक परीक्षा ली जाती है।

  1. ऑटोनोमस कॉलेज में पहले वर्ष पढ़ लेने के बाद यदि विद्‌यार्थी चाहे तो अपने ‘मेजर’ (मुख्य) विषय को बदल सकता है, जैसे— पहले साल में भूगोल ‘मेजर’ विषय को पढ़कर पसंद न आने पर दूसरे वर्ष इतिहास में बदल सकता है। Physics को Chemistry में, Botany को Zoology में बदल सकता है। ऐसी स्थिति में उसके पहले वर्ष के विषयों की क्रेडिट ‘माइनर’ विषय के रूप में ट्रांसफर हो जाती है, इस प्रकार परिष्कार कॉलेज में विद्‌यार्थी का साल खराब नहीं होता।

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