Hindi
प्रस्तावना
भारतीय संविधान में देवनागरी लिपि में लिखित हिंदी को संघ की राजभाषा घोषित किया गया है। हिंदी पढ़ने वाले छात्र को भाषा की क्षमता से परिचित होना जितना आवश्यक है उतना ही उसे समाज की चुनौतियों के संदर्भ में जोड़ने की योग्यता विकसित करना भी जरूरी है।आज हम भूमंडलीकृत समाज का अंग हैं अतः पाठ्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थी को देश-विदेश के साहित्य में हो रहे बदलाव से परिचित कराना भी है और व्यावसायिक योग्यता उत्पन्न करना भी।यह पाठ्यक्रम बाजारवाद और भूमंडलीकरण की वैश्विक गति के बीच से ही हिंदी की राष्ट्रीय प्रगति को भी सुनिश्चित करेगा क्योंकि सशक्त भाषा के बिना किसी राष्ट्रकी उन्नति संभव नहीं है।यह पाठ्यक्रम वर्तमान संदर्भों के अनुकूल है साथ ही इस पाठ्यक्रम का आधुनिक रूप रोजगारपरक भी है।यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को व्यावहारिक पहलू से अवगत करा सकेगा। हिंदी साहित्य की नई समझऔर भाषा की व्यावहारिकता की जानकारी इसका प्रमुख ध्येय है। इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य भाषा और समाज के जटिल संबंधों की पहचान कराना भी है जिससे विद्यार्थी देश, समाज, राष्ट्र और विश्व के साथ बदलते समय में व्यापक सरोकारों से अपना संबंध जोड़ सके साथ ही उसके भाषा-कौशल, लेखन और संप्रेषण क्षमता का विकास हो सके।
DEGREE
बी.ए. हिंदी पाठ्यक्रम
प्रस्तावना
बी.ए. हिंदी (प्रोग्राम) पाठ्यक्रम विद्यार्थी के विचार, भाव एवं अभिव्यक्ति को विकसित करने के लिए है। यह उसके आलोचनात्मक विवेक और उसकी रचनात्मक क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। साहित्य की समझ के साथ भाषा का ज्ञान विद्यार्थी को संवेदनात्मक क्षमता और ज्ञानात्मक संवेदना भी प्रदान करता है। समाज विज्ञान और मानविकी क्षेत्र की शाखाओं के साथ आज विश्व को सजग, आलोचनात्मक, विवेकशील और संवेदनशील व्यक्ति की आवश्यकता है, जो समाज की नकारात्मक शक्तियों के विरूद्ध समानता और बंधुत्व के भाव को स्थापित कर सके। कविता, नाटक, उपन्यास, कहानी आदि जीवन के मूल्यधर्मी उन्नयतकारी, रूप को समझने की क्षमता विकसित करती हैं।
हिंदी संप्रेषण
विद्यार्थी अपने विषय की स्नातक स्तरीय पाठ्यपुस्तकों, संदर्भ पुस्तकों, पत्र-पत्रिकाओं, समाचार-पत्रों, शोध-पत्रों, ऑनलाइन पर उपलब्ध सामग्री आदि को पढ़कर समझ सकता है।
• विद्यार्थी शुद्ध उच्चारण के साथ आवश्यक आरोह-अवरोह एवं प्रवाह के साथ प्रश्न पूछ सकता है, प्रश्नों के उत्तर दे सकता है, कक्षा के समक्ष प्रस्तुति दे सकता है, बड़े समूह के सामने वाद-विवाद, खुले संवाद में भाग ले सकता है, समूह-चर्चा में प्रभावी सहभागी बन सकता है एवं प्रभावी साक्षात्कार दे सकता है।
• पुस्तक-समीक्षा, लेख-समीक्षा, शोध-पत्र समीक्षा, ब्लॉग लेखन, रचनात्मक लेखन कर सकता है।
• अपने विषय से संबंधित प्रश्नों का संक्षिप्त/विस्तृत, माइंड मेप के साथ, विश्लेषणात्मक, तुलनात्मक फ्लो चार्ट, सारणी, ग्राफ, डाइग्राम आदि के साथ सर्जनात्मक उत्तर दे सकता है।
• कार्यालयीय पत्र-लेखन, र्इ-मेल करना, रिपोर्ट (प्रतिवेदन) लेखन, लेख/निबंध लेखन, प्रोजेक्ट लेखन का कार्य कर सकता है।
• हिंदी विषय से संबंधित इंटरनेट पर उपलब्ध शब्दकोश, विषय-संबंधी सामग्री, विकीपीडिया, शोध-पत्रों, पुस्तकों, र्इ-पुस्तकालय में उपलब्ध हिंदी पुस्तकों के स्रोतों को जान सकता है।
बी.ए. (Hons.) हिंदी पाठ्यक्रम
प्रस्तावना
बी.ए. हिंदी (Hons.) पाठ्यक्रम विद्यार्थी के विचार, भाव एवं अभिव्यक्ति को विकसित करने के लिए है। यह उसके आलोचनात्मक विवेक और उसकी रचनात्मक क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। साहित्य की समझ के साथ भाषा का ज्ञान विद्यार्थी को संवेदनात्मक क्षमता और ज्ञानात्मक संवेदना भी प्रदान करता है। समाज विज्ञान और मानविकी क्षेत्र की शाखाओं के साथ आज विश्व को सजग, आलोचनात्मक, विवेकशील और संवेदनशील व्यक्ति की आवश्यकता है, जो समाज की नकारात्मक शक्तियों के विरूद्ध समानता और बंधुत्व के भाव को स्थापित कर सके। कविता, नाटक, उपन्यास, कहानी आदि जीवन के मूल्यधर्मी उन्नयतकारी, रूप को समझने की क्षमता विकसित करती हैं।
एम.ए. हिंदी पाठ्यक्रम
प्रस्तावना
एम.ए. हिंदी स्नातकोत्तर स्तर का कार्यक्रम है जिसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थी के विवेक को विस्तार देते हुए गहन अध्ययन तथा शोध की उत्कंठा विकसित करना है। ज्ञान की शाखाओं के साथ-साथ विश्व को सजग, आलोचनात्मक, विवेकशील और संवेदनशील व्यक्तित्व की आवश्यकता है, जो समाज की नकारात्मक शक्तियों के विरुद्ध समानता और बंधुत्व के भाव की स्थापना कर सके। साहित्य का अध्ययन मनुष्य को इस संदर्भ में विस्तार देता है तथा मानवता की विजय में उसके विश्वास को दृढ़ करता है।भाषा, आलोचना, काव्यशास्त्र का अध्ययन सैद्धांतिक समझ को विस्तृत करता है; वहीं इससे कविता, नाटक, कहानी में उनसिद्धांतों के व्यावहारिक रूप को समझने में मदद मिलती है। इस प्रकार एम.ए. हिंदी का पाठ्यक्रम विद्यार्थी को सैद्धांतिकऔर व्यावहारिक दोनों रूपों में सक्षम बनाता है।साथ ही पाठ्यक्रम की संरचना इस बात की आज़ादी भी देती है कि वह चयन आधारित क्रेडिट पद्धति से अपनी इच्छाओं से विभिन्न विषयों को पढ़ सके।
M.A (Hindi) – Autonomas Syllabus
हिंदी साहित्य अध्यापन के उद्देश्य
- विद्यार्थियों में भाषा के अध्ययन की क्षमता बढ़ाना
- अध्यापन को रोचक बनाना
- विद्यार्थियों की उच्चारण एवं लेखनगत अशुद्धियों को दूर करना
- अभिव्यक्ति कौशल का विकास करना
- शोधवृत्ति का विकास करना
- साहित्यिक अभिरुचि का विकास करना
- शिक्षण तकनीकों में नवाचार
- शोधवृत्ति का विकास
CAREER
हिंदी साहित्यः करियर की संभावनाएँ
- शिक्षक, व्याख्याता, प्रोफेसर
- अनुवादक, स्वतंत्रअनुवादक
- संवादक, प्रूफरीडर, हिंदीपत्रकार (प्रिंट/इलेक्ट्रानिकमीडिया)
- कंटेटराइटर, स्क्रिप्टराइटर/थियेटर
- रिपोर्टर/एंकर/रेडियोजॅाकी
- रिसर्चर/रिसर्चफैलो
- भारतसरकार, राज्यसरकार, बैंकआदिमेंहिंदीअधिकारी
- बैंक, डाटाएंट्री, एनजीओइत्यादि।
हिंदी साहित्य को रोचक बनाने की शिक्षण व्यूह रचना: शिक्षण में नवाचार
- पाठ्यक्रम नियोजन
- विषयवस्तुपरक स्टडीशीट
- समूह-चर्चा में वृद्धि
- क्विज (प्रश्नोत्तरी)
- पीपीटी प्रस्तुतीकरण
- माइंड मैपिंग फ्लोचार्ट आदि
- इंटरनेट का प्रयोग
- विद्यार्थी प्रस्तुतियाँ (मौखिक एवं लिखित)
- रचनात्मक अध्ययन की शुरु आत
- ओपन बुक टैस्ट
- रोल प्ले
पाठ-पठन
- पठन-कौशल
- उच्चारण कौशल
- शब्द-बोध
- भाषा-बोध
- शैली-बोध
- मूलशब्द (Key Words)
- मूलभाव (Key Thoughts)
- नएविचार, भावएवंशैली
शोधवृत्ति का विकास
- काव्य मेंऔर कहानी, एकांकी, नाटक, उपन्यास के तत्त्वों का विश्लेषण, मूल शब्द और मूल भाव उनकी विशेषताओं पर विस्तृत चर्चा।
आगामी योजनाएँ:
- विद्यार्थियों को शोध से जोड़ना
- विद्यार्थियों के लिए शोधपरक गृह-कार्य तैयार करना।
- पाठ्यक्रम में प्रस्तावित सभी साहित्यिक विधाओं पर समीक्षात्मक दृष्टिकोण के विकास से संबंधित प्रश्नमाला को टाइप करवाकर विद्यार्थियों में वितरित करना।
शोधवृत्ति के विकास की प्रश्नमाला को पाठ्येतर साहित्य से जोड़ना।
विद्यार्थियों को पत्र-पत्रिकाओं में आनेवाली साहित्यिक कृतियों के विश्लेषण के लिए प्रेरित करना।
Testimonial
“हिंदी भाषा देश भर में व्यापक रूप से बोली जाती है और इसे समझना और बोलना बहुत आसान होता है। इसलिए, यह संचार के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है जो हमें देश भर में अपनी बात बताने में मदद करता है।“


“हिंदी भाषा भारत की राजभाषा होती है और इसलिए सरकारी कामों में हिंदी जानने वालों को लाभ होता है। इससे उन्हें सरकारी काम में अधिक आसानी होती है और वे सरकारी नौकरी के लिए भी योग्य होते हैं।“
“हिंदी भाषा का उपयोग लोगों को उनकी भाषा की बोली में बात करने में मदद करता है। यह उन्हें उनके रीढ़ की हड्डी से जुड़े मुद्दों को आसानी से समझने में मदद करता है और संवाद को बेहतर बनाता है।“

Skilled & Qualified
Faculty
Dr. Kiran Sharma
HOD-Hindi